उत्तर प्रदेशराज्य

गंगा में सीवरेज का पानी छोड़ने पर 9.33 लाख का जुर्माना: जून में तीन बार मिला गंदा पानी बहता हुआ, वसूली भुगतान के जरिए की जाएगी 

गंगा में लगातार सीवेज छोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की टीम ने जून महीने में तीन बार निरीक्षण के दौरान जाजमऊ स्थित 130 और 43 एमएलडी एसटीपी से गंगा में सीवेज गिरता हुआ पाया। इसके बाद जल निगम ने एसटीपी का संचालन कर रही एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

यूपीपीसीबी के अधिकारियों ने 12 जून, 18 जून और 23 जून को जाजमऊ क्षेत्र में स्थित सीएसपीएस, 130 व 43 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय सीएसपीएस, 130 व 43 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ से अशोधित सीवेज ओवरफ्लो होकर बाईपास लाइन के माध्यम से सीधे गंगा नदी में निस्तारित होता पाया। जाजमऊ स्थित सीएसपीएस 130 और 43 एमएलडी एसटीपी का संचालन एवं देखरेख का कार्य मेसर्स केआरएमपीएल कानपुर द्वारा कराया जा रहा है।

इस दौरान केस्को द्वारा विद्युत आपूर्ति न होने के दौरान फर्म ने डीजी सेट का संचालन नहीं किया, जिसके चलते अशोधित सीवेज ओवरफ्लो होकर बाईपास लाइन के माध्यम से सीधे गंगा नदी में गिरता रहा। यूपीपीसीबी पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया गया फिर भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी। जिसके चलते जल निगम ने केआरएमपीएल पर 9,33,503 रुपए की पेनाल्टी लगाई है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक मोहित चक ने बताया कि फर्म के भुगतान से पेनाल्टी की कटौती की जाएगी।

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