PM Modi Trinidad Visit:25 साल पहले भी त्रिनिदाद में गूंजा था ‘संघ के शेर’ का जयघोष, पीएम मोदी की पुरानी तस्वीरें हो रही हैं वायरल।

इस पोस्ट में उस क्षण को याद किया गया है, जब विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए फुसफुसाया, “यह संघ का शेर है.” यह वाक्यांश न केवल उस समय के माहौल को दर्शाता है, बल्कि भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी बन गया.
त्रिनिदाद में 25 साल पहले भी बजा था ‘संघ के शेर’ का डंका
मोदी आर्काइव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह संघ का शेर है. अगस्त 2000 में त्रिनिदाद के पोर्ट-ऑफ-स्पेन में एक खचाखच भरे हॉल में नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए अशोक सिंघल की ओर से फुसफुसाए गए ये शब्द, सदी के अंत में शुरू हुए एक आंदोलन को परिभाषित करने वाले बन गए. उस क्षण में जन्मा यह वाक्यांश भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करने लगा. एक ऐसा युग जो भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देने पर केंद्रित था और भारत और दुनिया भर में राष्ट्रीय पहचान को आकार देने वाला था.”
एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों को किया संबोधित
सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा है, “अगस्त 2000 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तत्कालीन महासचिव नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो में विश्व हिंदू सम्मेलन में एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों की सभा के सामने खड़े हुए. सनातन धर्म महासभा की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में त्रिनिदाद और टोबैगो के पांचवें प्रधानमंत्री बासदेव पांडे, आरएसएस सरसंघचालक के. सुदर्शन, स्वामी चिदानंद सरस्वती और अशोक सिंघल जैसे प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए थे.”
पोस्ट में बताया गया है कि कार्यक्रम का विषय वस्तु आत्म-मुक्ति और विश्व कल्याण था. यह नैरोबी (1998) में अखिल अफ्रीका हिंदू सम्मेलन और दक्षिण अफ्रीका (1995) में विश्व हिंदू सम्मेलन के बाद प्रतिष्ठित विश्व हिंदू कांग्रेस श्रृंखला का हिस्सा था. इसमें नई दिल्ली, न्यूयॉर्क, कैरिबियन, उत्तरी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका सहित कई क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
मोदी आर्काइव के अनुसार, वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के लर्निंग रिसोर्स सेंटर में नरेंद्र मोदी ने हिंदू धर्म और समकालीन वैश्विक मुद्दे ‘विकासशील प्रौद्योगिकी और मानव विश्व’ शीर्षक से एक भावपूर्ण भाषण दिया. 25 साल पहले कहे गए उनके शब्दों ने आधुनिक तकनीकी युग में हिंदू सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर जोर दिया और नेताओं से समाज की भलाई के लिए व्यक्तिगत एजेंडे को अलग रखने का आग्रह किया.
पीएम मोदी के भाषण ने छोड़ा गहरा प्रभाव
पीएम मोदी के भाषण ने सभागार में मौजूद लोगों पर गहरा प्रभाव छोड़ा. पोस्ट में लिखा है, “कमरे में ऊर्जा का माहौल साफतौर पर दिखाई दे रहा था. अशोक सिंघल नरेंद्र मोदी के भाषण की शक्ति से प्रभावित होकर झुके और फुसफुसाए, “यह संघ का शेर है.” यह एक ऐसा वाक्यांश जो बाद में नरेंद्र मोदी की पहचान और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा का एक परिभाषित प्रतीक बन गया.”
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की यह यात्रा और 25 साल पुराने उस ऐतिहासिक पल की यादें भारत-त्रिनिदाद संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करती हैं. यह यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक बंधनों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी.