शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, एक्सपर्ट से जानिए क्या है इसकी पहचान

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हमारे ब्लड में हीमोग्लोबिन एक बेहद जरूर प्रोटीन होता है, जोकि रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है। इसका मुख्य काम फेफड़ों से ऑक्सीजन को बॉडी के हर हिस्से तक पहुंचाना और कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक वापस लाना है। यह एक तरह के श्वसन वर्णक है, जिसकी वजह से ब्लड का कलर लाल होता है। यह ऑक्सीजन को ऑक्सीहीमोग्लोबिन के तौर पर और कार्बन डाइऑक्साइड की कुछ मात्रा को कार्बामिनोहीमोग्लोबिन के रूप में ले जाता है।

हीमोग्लोबिन का नॉर्मल लेवल

बता दें कि हीमोग्लोबिन का लेवल ब्लड में ग्राम प्रति डेसीलीटर में मापा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में हीमोग्लोबिन का नॉर्मल लेवल 12 से 20 g/dL के बीच होता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हीमोग्लोबिन का लेवल थोड़ा ज्यादा होता है।
पुरुषों में नॉर्मल लेवल- 13.5 से 17.5 g/dL
महिलाओं में नॉर्मल लेवल- 12 से 15.5 g/dL
वहीं शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल की कमी होने पर कई तरह की परेशानियां दिखने लगती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल नॉर्मल से कम हो जाता है, तब इस कंडीशन को एनीमिया कहा जाता है। इसका मतलब है कि शरीर में पर्याप्त हेल्‍दी ब्लड सेल्स नहीं बन पा रहे हैं, जिसकी वजह से अंगों और टिश्यू तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।

शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण

हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना।
खाने की इच्छे कम होना।
कई बार बर्फ, मिट्टी या स्टार्च खाने का मन होना।
बच्चों में मसल्‍स की ग्रोथ ठीक से नहीं होना।
पेट से जुड़ी समस्याएं होना।
मुंह कोनों से फटने लगता है।
जीभ में सूजन या फिर दर्द महसूस होना।
स्किन का रंग पीला पड़ना।
दिल की धड़कन तेज होना।
थोड़ी सी भी मेहनत करने पर भी सांस फूलना।
चक्कर आना या सिर घूमना।
स्किन और अंगों में बदलाव होना।
इम्यूनिटी कमजोर होना और बार-बार बीमार पड़ना।
नाखूनों का कमजोर होकर टूटना या फिर चम्मच के आकार का दिखना।
निचली पलक के अंदर का सफेद या हल्का गुलाबी दिखना।

एनीमिया के मुख्य कारण

हीमोग्लोबिन कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे डाइट में पर्याप्त आयरन युक्त भोजन न लेना।
एसिडिटी, दस्त जैसे पेट की या आंतों की सीलिएक रोग और एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस जैसी कुछ समस्याएं होना।
वहीं कुछ दवाएं भी बॉडी में आयरन के अवशोषण को रोक सकती हैं।
पेट के कुछ हिस्से को हटाने से आयरन का अवशोषण रोक सकती हैं।
कई बार पुरानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी की वजह से भी बॉडी आयरन का सही उपयोग नहीं कर पाता है।
पीरियड्स में हैवी ब्‍लीडिंग।
सर्जरी की वजह से या चोट लगने से ब्लड का बहना।
प्लाज्मा में मौजूद आयरन के भंडार के ज्‍यादा नष्ट होने पर भी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।
खूनी बवासीर, ग्रासनली संबंधी वैरिकोज, पेट के अल्सर और परजीवी इंफेक्‍शन या किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर की वजह से शरीर के अंदर से ब्लड का धीरे-धीरे रिसना।
पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों की वजह से शरीर में आयरन का सही से उपयोग न हो पाना।
प्रेग्‍नेंट और ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को बढ़ती ब्लड मात्रा और बच्चे के विकास के लिए भी आयरन की जरूरत होती है। जिसकी पूर्ति अक्सर डाइट से नहीं हो पाती है।

ऐसे बढ़ाएं शरीर में हीमोग्लोबिन

एनीमिया को दूर करने के लिए अपनी डाइट में आयरन से भरपूर फूड्स को बढ़ाएं। डाइट में उन चीजों को शामिल करें, जिनसे शरीर आयरन को आसानी से सोख लें।
एनिमल युक्‍त फूड्स जैसे किडनी, लिवर, फिश, मीट और चिकन आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। इनमें हीम आयरन होता है, जोकि आसानी से पच जाता है।
वहीं डाइट में बीन्स, नट्स, ड्राई फूट्स, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां और आयरन फोर्टिफाइड साबुत अनाज जैसे प्‍लांट बेस चीजों को शामिल करें।
अमरूद, आंवला, नींबू और संतरा जैसे फलों में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसलिए डाइट में विटामिन सी से युक्त फूड्स को जरूर शामिल करें।
अगर आप खाने के साथ कॉफी या चाय आदि लेती हैं, तो ऐसा करने से बचना चाहिए।

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