संभल जिला उपभोक्ता आयोग का बड़ा फैसला: नॉमिनी को मिलेगी 10 लाख की बीमा राशि, बीमा कंपनी पर 25 हजार का जुर्माना

रामचंद्र के पुत्र ज्ञानप्रकाश ने बताया कि उनके पिता ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से जीवन बीमा पॉलिसी ली थी। इस पॉलिसी में ज्ञानप्रकाश नॉमिनी थे। पॉलिसी लेने के कुछ महीनों बाद ही रामचंद्र की घर पर मौत हो गई।
ज्ञानप्रकाश ने सभी औपचारिकताएं पूरी करके बीमा राशि के लिए आवेदन किया। लेकिन बीमा कंपनी ने दावा अस्वीकार कर दिया। कंपनी का तर्क था कि रामचंद्र पॉलिसी खरीदते समय पहले से बीमार थे। इसके बाद यह मामला अधिवक्ता लवमोहन वाष्र्णेय के माध्यम से उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। सुनवाई के दौरान स्पष्ट हुआ कि बीमा धारक पॉलिसी खरीदते समय किसी पूर्व बीमारी से ग्रस्त नहीं थे।
दो महीने में करना होगा भुगतान उनकी मौत घर पर हृदय गति रुकने से हुई थी। आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि वह परिवादी को दस लाख रुपये की बीमा राशि दे। इसके साथ सात प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। कंपनी को यह भुगतान दो महीने के भीतर करना होगा। इसके अलावा कंपनी को अन्य खर्चे भी देने होंगे।