सऊदी अरब में एक दिन में आठ फांसी का अनोखा मामला, जानिए पीछे की वजहें।

SPA के अनुसार, दक्षिणी क्षेत्र नजराान में चार सोमाली और तीन इथियोपियाई नागरिकों को “हशीश की तस्करी” के आरोप में मौत की सजा दी गई. सभी को ड्रग्स से जुड़े मामले में दोषी ठहराया गया था.
2025 में अब तक 230 लोगों को दी जा चुकी है फांसी
AFP की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत से अब तक सऊदी अरब में 230 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. इनमें से 154 लोगों को ड्रग्स से संबंधित मामलों में मौत की सजा दी गई है.
2024 का रिकॉर्ड भी पीछे छोड़ सकता है 2025
विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 में फांसी की गति 2024 के आंकड़ों को पार कर सकती है. पिछले साल 338 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. यह वृद्धि 2023 में शुरू किए गए “ड्रग्स के खिलाफ युद्ध” अभियान का नतीजा मानी जा रही है.
2023 से शुरू हुई “वॉर ऑन ड्रग्स” के चलते बढ़ीं फांसियां
विश्लेषकों का मानना है कि ड्रग्स के खिलाफ शुरू की गई “वॉर ऑन ड्रग्स” मुहिम के चलते फांसियों की संख्या में तेजी आई है. 2023 में शुरू हुए इस अभियान के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को अब जाकर सजा दी जा रही है.
नशीली दवाओं से जुड़ी फांसी पर अब तक क्या-क्या हुआ
2019-2022: लगभग तीन साल तक ड्रग मामलों में फांसी पर रोक थी.
2022: ड्रग मामलों में 19 लोगों को फांसी दी गई.
2023: सिर्फ 2 लोगों को फांसी हुई.
2024: 117 लोगों को नशीली दवाओं के मामले में सजा-ए-मौत दी गई.
2025: अब तक 154 फांसियां सिर्फ ड्रग मामलों में हो चुकी हैं.
आलोचना और सरकार का पक्ष
मानवाधिकार कार्यकर्ता सऊदी अरब की लगातार फांसी देने की नीति की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह देश की “खुले और सहिष्णु समाज” की छवि को नुकसान पहुंचाता है, जो क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की विजन 2030 योजना का हिस्सा है. वहीं, सऊदी सरकार का कहना है कि “जन व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौत की सजा जरूरी है और यह सिर्फ अंतिम अपील खारिज होने के बाद ही दी जाती है.”