यमुना का जलस्तर घटा, फतेहपुर में बाढ़ राहत शिविरों में लौटने लगी रौनक; लेकिन परेशानियां अब भी कायम 

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फतेहपुर ज़िले के ललौली क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है, जिससे बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिली है। जनजीवन में सुधार की शुरुआत हो चुकी है और कई लोग अब अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं।

प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी

सबसे ज्यादा प्रभावित पलटू का पुरवा जैसे गांवों में प्रशासन ने ऊंचे स्थानों पर राहत शिविर स्थापित किए हैं। इन शिविरों में राज्य सरकार के निर्देशों के तहत आवश्यक सुविधाएं जैसे अस्थायी शौचालय, साफ-सफाई, पेयजल और रहने की व्यवस्था की गई है।

सोमवार शाम तक यमुना नदी का जलस्तर घटकर 101.10 मीटर पर पहुंच गया, जो अब भी खतरे के निशान (100 मीटर) से थोड़ा ऊपर है।

राहत शिविरों में शिकायतें बरकरार

हालांकि प्रशासन का दावा है कि सभी ज़रूरतें पूरी की जा रही हैं, लेकिन शिविरों में रह रहे कुछ लोगों ने भोजन और सुविधाओं को लेकर असंतोष जताया है। एक पीड़ित का कहना है, “हमें केवल दो पूड़ी और दाल दी जा रही है, जबकि पर्याप्त भोजन का दावा किया जा रहा है।”

नावों और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था

प्रशासन द्वारा पलटू पुरवा में तीन नावें तैनात की गई हैं, जबकि सैमसी और कुकड़ी गांवों में एक-एक नाव सेवा में हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है और ORS पैकेटों का वितरण भी किया गया है।

स्थानीयों की मांग – पक्की सड़क और ऊंची पुलिया

ग्रामीणों ने मांग की है कि पलटू से ललौली को जोड़ने वाला मार्ग ऊंचा बनाया जाए, क्योंकि वर्तमान में यह रास्ता बाढ़ के दौरान लगभग 70 मीटर तक डूब जाता है, जिससे संपर्क पूरी तरह कट जाता है।

स्थानीय लोग जनप्रतिनिधियों से नाराज़ नजर आए। एक महिला ने कहा, “अभी तो सब आ रहे हैं, लेकिन पानी उतरते ही कोई नहीं पूछता। अगर रास्ता और पुलिया ऊंची न बनाई गई तो अगली बार भी हम ऐसे ही फंस जाएंगे।”

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