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Budh Pradosh Vrat 2025: बुध प्रदोष व्रत पूजा के क्या लाभ हैं?

प्रदोष व्रत भगवान शिव जी की पूजा के लिए समर्पित होता है. शिवजी की कृपा पाने और मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है. पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्ष (कृष्ण और शुक्ल पक्ष) की त्रयोदशी को रखा जाता है.

अलग-अलग दिनों में पड़ने के कारण प्रदोष व्रत के नाम में अंतर होता है. जब प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस व्रत को करने के कई लाभ शिव पुराण में बताए गए हैं.

बुधवार 20 अगस्त को भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी और इस दिन बुध प्रदोष व्रत होगा. प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल में सूर्यास्त से ठीक पहले की जाती है. आइए जानते हैं बुध प्रदोष व्रत के लाभ.

प्रदोष व्रत शिवजी को समर्पित है और बुधवार भगवान गणेश का दिन होता है. ऐसे में बुध प्रदोष व्रत में भगवान शिव और गणेश यानी पिता-पुत्र की पूजा कई दोषों से मुक्ति दिलाती है.

बुध प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर पूजा-पाठ करने से बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहता है. साथ ही इस व्रत से उत्तम बुद्धि का वरदान भी प्राप्त होता है.

शिवपुराण और स्कंदपुराण के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन उपवास रखने से रोग-दोष दूर होते हैं, धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

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