सम्पादकीय

हिड़मा के समर्थन में पोस्ट करने पर कांग्रेस नेत्री के कार्यों पर रोक, पार्टी ने उठाया बड़ा कदम।

युवा कांग्रेस नेत्री के पोस्ट पर बड़ा विवाद

छत्तीसगढ़ में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सह सचिव प्रीति मांझी द्वारा सोशल मीडिया पर माओवादी नेता माड़वी हिड़मा के समर्थन में पोस्ट किए जाने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था – “लाल सलाम कामरेड हिड़मा”, जिसके बाद यह मामला तेजी से वायरल हो गया।

संगठन ने तुरंत की कार्रवाई

मामला बढ़ता देख युवा कांग्रेस ने गंभीर रुख अपनाया और उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की। संगठन ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक प्रीति मांझी को राष्ट्रीय सह सचिव के रूप में कार्य करने से रोक दिया गया है।

हिड़मा कौन था?

माड़वी हिड़मा छत्तीसगढ़ के सबसे वांछित माओवादियों में से एक था। उस पर 1.80 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। उसे मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। हिड़मा पर कई हमलों, सुरक्षा बलों की हत्या और बड़े आतंकी अभियानों को संचालित करने के आरोप थे।

प्रीति मांझी की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद प्रीति मांझी ने कहा कि उनकी पोस्ट का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह गांधीवादी विचारधारा का पालन करती हैं और किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि वह शांति, लोकतंत्र और अहिंसा में विश्वास रखती हैं।

मामला सिर्फ सोशल मीडिया टिप्पणी नहीं

युवा कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर की गई टिप्पणी नहीं, बल्कि सुरक्षा, लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। जांच कमेटी निष्पक्ष रूप से इस मामले की पड़ताल करेगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

राजनीतिक हलचल तेज

इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। विपक्ष ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता माओवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि पार्टी देश की एकता और अखंडता के साथ है।

निष्कर्ष

जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि प्रीति मांझी की मंशा क्या थी। लेकिन यह मामला निश्चित रूप से राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन चुका है।

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