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10 August 2024 Panchang :- आज मनाई जाएगी कल्कि जयंती, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त, राहुकाल समय, अभिजित मुहूर्त समेत पूरा पंचांग

10 अगस्त को श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन कल्कि जयंती मनाई जाती है। कल्कि जयंती की पूजा के लिए शाम का समय शुभ माना जाता है। यहां जानिए 10 अगस्त का पूरा पंचांग।

10 अगस्त 2024 Panchang :- इस दिन सावन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि रहेगी। इसके अलावा पूरे दिन शुभ रवि योग रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:53 से दोपहर 12:48 तक रहेगा। वहीं गोधुली मुहूर्त शाम 06:29 से 07:23 तक रहेगा। इस दिन कल्कि जयंती भी मनाई जाएगी। जिसका पूजा मुहूर्त शाम साढ़े चार बजे से शुरू होगा। जानिए 10 अगस्त 2024 का पूरा पंचांग।

Kalki Jayanti 2024 मुहूर्त (कल्कि जयंती 2024 मुहूर्त)
कल्कि जयन्ती मुहूर्त – 04:25 Pm से 07:05 Pm

षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 10 अगस्त 2024 को 03:14 Am बजे

षष्ठी तिथि समाप्त – 11 अगस्त 2024 को 05:44 Am बजे

10 August 2024 Panchang (10 अगस्त 2024 पंचांग)

संवत – – – पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह – श्रावण, शुक्ल पक्ष
तिथि – – षष्ठी
व्रत व पर्व – षष्ठी व्रत
दिवस – शनिवार
सूर्योदय – 05:43 Am
सूर्यास्त – 07:09Pm
नक्षत्र – चित्रा
चन्द्र राशि – कन्या
सूर्य राशि – कर्क
करण – कौलव 04:32 Pm तक फिर तैतिल
योग :- साध्य 07:53 Pm तक फिर साध्य
10 अगस्त 2024 (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत – 11:53 Am से 12:48 Pm
विजय मुहूर्त – 02:27 PM से 03:25 Pm तक
गोधुली मुहूर्त – – 06:29 Pm से 07:23 Pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त – 4:08 Am से 05:09 Am तक
अमृत काल – 06:06 Am से 07:55 Am तक
निशीथ काल मुहूर्त – रात्रि 11:52 से 12:43 तक रात

संध्या पूजन – 06:21 PM से 07:20 PM तक

दिशा शूल – – पूर्व दिशा । इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

राहुकाल :- प्रातः काल 09 बजे से 10:30 बजे तक

क्या करे – क्या ना करें – माता दुर्गा जी की उपासना करें। कलसर्प दोष का उपाय करें। श्रावण माह षष्ठी का व्रत करें। शिव उपासना के साथ साथ भगवान राम जी की पूजा पर ध्यान दें। रामकथा श्रवण करें। आज कुशोदक से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा। आज बहुत पवित्र तिथि है। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 18 बार पाठ करें। शिवलिंग की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें। अन्न व फलों का दान करे। शिव मंदिर परिसर में बेल व पीपल का पेड़ लगाएं। आज दही से रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। घी से रुद्राभिषेक करने से धन, सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में तीर्थ करें। शिव पुराण का पाठ पूर्ण कर तत्पश्चात हवन करें। अन्न दान करते रहना चाहिए। किसी का दिल मत तोड़ें। किसी को मन, वचन व कर्म से दुःखी मत करें।

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