उत्तर प्रदेशराज्य

गायत्री मंत्र से मिटता है जन्म-जन्मान्तर का पाप : आचार्य अरुण शुक्ल

बस्ती/कलवारी। विकास क्षेत्र बहादुरपुर के कनैला में स्थित सत्येश्वर नाथ धाम में गायत्री परिवार द्वारा आचार्य दिनकर जी के अगुआई में विश्व शांति हेतु 7 दिवसीय पवन प्रज्ञा पुराण संगीतमयी कथा एवं पंचकुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ व प्रतिभा सम्मान समारोह के दूसरे दिन सोमवार को कथा को आगे बढ़ते हुए कथा व्यास कथा व्यास आचार्य अरुण शुक्ल ने कहा कि कलयुग में गायत्री ही कामधेनू है। जीवन को ऊंचा उठाने वाली विद्या का नाम गायत्री है। गायत्री ज्ञान की देवी है। जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए मनुष्य को गायत्री के शरण में जाना चाहिए। गायत्री जाप करने से हमारे जन्म-जन्मांतर का पाप धुल जाता है। समस्त समस्याओं का निदान गायत्री है। इसके जाप से मनुष्य के अंदर की नाकारात्मक उर्जा चली जाएगी और साकारात्मक उर्जा का समावेश होता चला जाएगा साथ ही जीवन की दशा बदल जाएगी।

कथा को आगे बढ़ाते हुए आचार्य शुक्ल ने कहा कि पहले हमें यह जानना चाहिए कि मनुष्य की वास्तविक संपत्ति क्या है, तब उसे ढ़ूंढने का प्रयत्‍‌न करें। उन्होंने कहा कि वास्तविक संपत्ति, वास्तविक संसाधन हमारा शरीर और मन है। शरीर स्वस्थ नहीं रहने से या तो हम अस्पताल में या घर के किसी कोने में दुबके रहेंगे। हम अपनी वास्तविक संपत्ति स्वयं हैं, उसे विकसित करने के लिए प्रकृति और परमात्मा के सहचर्य में रहें। जो हमने सीखा है उसे दूसरों तक पहुंचायें। उन्होंने कहा कि ध्यान मन का स्नान है, जैसे शरीर में मैल लगता है उसके लिए स्नान की व्यवस्था है, उसी प्रकार ध्यान मन का स्नान है। परंतु बैठा मन, चिंतित मन, परेशान मन कैसे ध्यान करेगा। इसके लिए हमें अपने आहार-व्यवहार व जीवनशैली में सुधार लाना होगा।

इस दौरान मुख्यरूप से मंगलदेव शुक्ल, उर्मिला शुक्ल, विद्यावती सिंह, परमात्मा शर्मा, राम प्रकाश वर्मा, अविनाश कुमार, चंद्रिका सिंह, पवन कुमार सिंह, रमेश पाण्डेय, राकेश सिंह, पंकज सिंह, वृजेश सिंह, राम ललित चौधरी,निर्भय सिंह, राम अवतार के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button