लहरपुर वन रेंज में अवैध लकड़ी व्यापार और वसूली पर उठे सवाल: उप-वनाधिकारी ने दिए आश्वसन

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सीतापुर। यूपी के जनपद सीतापुर के लहरपुर वन रेंज इन दिनों अपनी अवैध लकड़ी कटान और वसूली की गतिविधियों को लेकर चर्चा में है। लहरपुर, हरगांव, सकरन, तम्बौर थाना क्षेत्रों और पड़ोसी जनपदों लखीमपुर, बहराइच, साथ ही नेपाल के तलहटी क्षेत्र से अवैध लकड़ी का व्यापार हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में लहरपुर वन रेंज का चार्ज संभालने के बाद वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह के कार्यकाल में अवैध वसूली में वृद्धि की बात कही जा रही है।

केंद्र बन चुका है लहरपुर वन रेंज

लहरपुर वन रेंज अब वन्य जीवों की लकड़ी की अवैध कटाई और व्यापार का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस क्षेत्र में बिना परमिट, परमिट वाली, और प्रतिबंधित लकड़ी का व्यापार खुलेआम हो रहा है, और यह मीडिया की सुर्खियां भी बन चुका है। बावजूद इसके, उच्चाधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत

क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर नुसरत अली ने मुख्यमंत्री को भेजे गए एक शिकायती पत्र में अवैध लकड़ी व्यापार की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि लहरपुर कस्बे में वन विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी भगवतशरण मिश्रा द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। यहां तक कि बिना परमिट वाली लकड़ी से प्रति ट्राली 4 हजार रुपये और ट्रक से 7 हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है।

वसूली के नेटवर्क में प्लाईवुड और आरा मशीनें भी शामिल

शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों और प्लाईवुड फैक्ट्रियों से हर माह लाखों रुपये की वसूली की जा रही है। आरा मशीनों से हर माह 10 हजार रुपये और विनियर व प्लाईवुड फैक्ट्रियों से 50 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके साथ ही, लाइसेंस रिन्यूवल के नाम पर आरा मशीनों से 50 हजार रुपये और प्लाईवुड फैक्ट्रियों से एक लाख रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। वहीं मीडियाकर्मियों के साथ बात करते हुए व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि उन्हें व्यापार करना है तो उन्हें अवैध वसूली का हिस्सा देना पड़ता है।

उप-वनाधिकारी ने की जांच की बात

वहीं इस मामले पर उप-प्रभागीय निदेशक वानिकी विकास कुमार ने कहा कि वह खुद आईजीआरएस पर की गई शिकायत की जांच करेंगे और पूरे मामले को देखेंगे।

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