उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

जलशक्ति मंत्री की बैठक: बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान को तैयार किया जाए: स्वतंत्र देव सिंह

लखनऊ। यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थाई संचालन समिति की बैठक कार्यालय प्रमुख अभियन्ता, सिंचाई विभाग के नवीन सभागार में आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ से बचाव हेतु 369 परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण सिंचाई विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा किया गया। बाढ़ बचाव परियोजनाओं के कार्य पूर्ण हो जाने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनधन की हानि से बचा जा सकेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति की 59वीं बैठक में प्रस्तुत की गई। 54 जनपदों की कुल 369 बाढ़ परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 6 लाख हेक्टेअर कृषि भूमि एवं 60 लाख आबादी को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान होगी। समिति द्वारा परियोजनाओं पर गहन विचार-विमर्श करते हुए बाढ़ परियोजनाओं के अनुमोदन की कार्यवाही सम्पन्न की गई। जलशक्ति मंत्री ने समिति की बैठक में निर्देश दिया कि बाढ़ से संबंधित परियोजनाओं का धरातल पर पूर्ण पारदर्शिता एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए निर्धारित समय अवधि में पूर्ण कराया जाय तथा अनुबंध की शर्तों का अक्षरश अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ कार्यों की परियोजनाओं को अभियान चलाकर तेजी से पूर्ण कराया जाय। निर्माणाधीन परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जाए, किसी प्रकार की लापरवाही नहीं मिलनी चाहिए, लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जलशक्ति मंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ से बचाव हेतु स्थायी समाधान को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को तैयार किया जाए। बाढ़ से बचाव हेतु परियोजनाओं के कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करायें जिससे जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी।

बाढ़ काल की पूर्व तैयारियों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री द्वारा अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए प्रति वर्ष बाढ़ परियोजनाओं को समय से पूर्ण किये जाने हेतु समुचित धनराशि उपलब्ध कराये जाने की वचनबद्धता सुनिश्चित की गई। इस निर्णय से विभाग में नई ऊर्जा का संचार हुआ तथा कार्यो को पूर्ण कराये जाने की प्रतिबद्धता के प्रति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के भीतर दृढ़ता उत्पन्न हुई और इस कार्यशैली का परिणाम स्वयंमेव वर्ष-प्रतिवर्ष पूर्ण की गई। नई बाढ़ परियोजनाओं और आम जनमानस को उपलब्ध लाभ के रूप में प्रतिफल सबके सामने है।

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