कासगंज में शिक्षा विभाग की लापरवाही: अधिकारी कार्रवाई की बात कहकर बचते, शिक्षक नदारद तो नौनिहाल झाड़ू लगाने को मजबूर

रिपोर्ट: अमित प्रताप सिह
कासगंज
कासगंज। कासगंज जिले के पटियाली विकासखंड के कंचनपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में फिर शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्कूल में कोई शिक्षक मौजूद नहीं और बच्चे विद्यालय में झाड़ू लगा रहे थे। अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण शिक्षकों में कोई डर या जिम्मेदारी का एहसास नहीं हो रहा है।
गायब रहे प्रधानाध्यापक, केवल एक शिक्षक मौजूद
वहीं 24 जनवरी 2025 को जीन्यूज हंट के रिपोर्टर ने विद्यालय का मुआइना किया तो पाया कि स्कूल में कुल दो शिक्षक होने के बावजूद प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र कुमार स्कूल में अनुपस्थित थे। दूसरे शिक्षक सतेन्द्र स्कूल में मौजूद थे, जिनका कहना था कि स्कूल में कुल 43 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन इस वक्त केवल 9 बच्चे ही उपस्थित थे।
मध्यान्ह भोजन योजना में गड़बड़ी
स्कूल में चल रही मध्यान्ह भोजन योजना के बारे में जब सतेन्द्र से पूछा गया। तो उन्होंने बताया कि आलू-मटर की सब्जी और रोटी बनी है। इस दौरान यह भी देखने को मिला कि स्कूल के शिक्षक को यह भी नहीं पता था कि उस दिन बच्चों के लिए क्या भोजन बनेगा, जबकि स्कूल में मध्यान्ह भोजन योजना का चार्ट दीवार पर लगाया हुआ था।
रसोईया से हुई बातचीत में आया खुलासा
जब रसोईया मुन्नी देवी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि आलू-मटर की सब्जी बन रही है, लेकिन शिक्षकों को इसकी जानकारी नहीं थी। यह स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा प्रतीत होता है।
आंगनवाड़ी केंद्र की स्थिति भी सुधरने का नाम नहीं ले रही
वहीं स्कूल के पास स्थित आंगनवाड़ी केंद्र के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमलेश गिदलालपुर की रहने वाली हैं, लेकिन वह कभी भी आंगनवाड़ी केंद्र नहीं आतीं।
बीएसए से हुई बातचीत, कार्रवाई का आश्वासन
इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वे परियोजना मीटिंग में हैं। वहीं, सीडीपीओ राजीव चौधरी से बात की गई, तो उन्होंने मामले को देखने का आश्वासन दिया। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि कासगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था पर विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और अधिकारियों द्वारा बस कार्रवाई की बात कहकर जिम्मेदारी से बचा जा रहा है। बताते चलें कि इससे पूर्व भी विभाग में इस तरह की अनियमितता को हमने प्रमुखता से उठाया था और विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था, परन्तु स्थित जस की तस बनी हुई है।