प्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास के जन्मदिन पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन: गीता-रामायण वितरण के साथ सामाजिक सेवा

लखनऊ। हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास के जन्मदिन के मौके पर देशभर में तीन दिनों तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वसंत पंचमी के अवसर पर उनके प्रशंसकों ने श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीरामचरितमानस की हजारों प्रतियां वितरण की। इस दौरान उनके परिवार विश्वासम के सदस्यों ने समाज के लोगों से अपील की कि वे बच्चों को सनातन परंपराओं से जोड़े रखने के लिए गीता और रामायण का अध्ययन कराएं। कार्यक्रमों का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरस्वती विद्या मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी किया गया।
विश्वासम परिवार की पहल और सामाजिक जागरूकता
विश्वासम् परिवार की प्रबंधिका दिव्या गौरव त्रिपाठी ने बताया कि जब डॉ. कुमार विश्वास ने बच्चों को गीता-रामायण पढ़ाने की बात कही, तो उसे सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य समाज को अपनी संस्कृति से जोड़ना था। लेकिन इसे मुद्दा बना दिया गया। इसके बाद, हमने तय किया कि हम गीता और रामायण का वितरण करके इस संदेश को सही तरीके से समाज तक पहुंचाएंगे।
गीता और रामायण वितरण के साथ सामाजिक सेवा गतिविधियां
डॉ. नीतू शर्मा, विश्वासम् परिवार की सदस्या ने बताया कि 2, 3 और 4 फरवरी को डॉ. कुमार विश्वास के प्रशंसकों से अपील की गई थी कि वे गीता और रामायण की प्रतियां वितरित करें। इसके साथ ही जो लोग इस कार्य के लिए सक्षम नहीं थे, उन्होंने मंदिर जाकर डॉ. कुमार विश्वास की लंबी उम्र के लिए दुआ की। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 76 स्थानों पर 4800 से अधिक गीता और रामायण की प्रतियां वितरित की गई। इसके साथ ही पौधारोपण, भोजन वितरण और वृद्धाश्रम में सेवा जैसे कार्य भी किए गए।
विश्वासम् परिवार के मुस्लिम सदस्यों द्वारा भी की गई दुआ
विश्वासम् परिवार के मीडिया प्रभारी अमन मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, राजस्थान के उदयपुर, मध्य प्रदेश के नीमच और बिहार के गोपालगंज में भी अभूतपूर्व कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में कई मुस्लिम सदस्य भी शामिल हुए, जिनमें देहरादून की अफ्शा और इंदौर के डॉ. वासिफ काजी ने दरगाह पर जाकर डॉ. कुमार विश्वास की सलामती की दुआ की।
10 फरवरी को मनाया जाएगा हिंदी पुनर्प्रतिष्ठान दिवस
अमन मिश्रा ने बताया कि डॉ. कुमार विश्वास के जन्मदिन को अब हिंदी पुनर्प्रतिष्ठान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि डॉ. कुमार विश्वास ने हिंदी को वैश्विक मंच पर दोबरा प्रतिष्ठित किया। उन्होंने बताया कि अटल जी के बाद हिंदी कविता की जो कड़ी टूटी थी, डॉ. कुमार विश्वास ने उसे हिंदी कविता के माध्यम से फिर से जोड़ दिया है।