महाकुंभ 2025 में पशुपालन और दुग्ध विकास पर महत्वपूर्ण बैठक: प्रदेश में गोवंश संरक्षण और दुग्ध उत्पादन को लेकर नए निर्णय

लखनऊ। महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास और राजनैतिक पेंशन विभाग के कैबिनेट मंत्री द्वारा संगम की पावन स्थली पर पशुपालन और दुग्ध विकास पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निराश्रित गोवंश के संरक्षण, उनके लिए उठाए जाने वाले कदम, पशु कल्याण, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और पशु स्वास्थ्य पर विशेष चर्चा की गई।
निराश्रित गोवंश के संरक्षण और आत्मनिर्भर गोआश्रय स्थलों का विकास
बैठक में मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा गोवंश संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 7713 गो आश्रय स्थलों में 12.43 लाख निराश्रित गोवंश का संरक्षण कर रही है। साथ ही, गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ें।
उच्च तकनीकी सुधार और पशु स्वास्थ्य के लिए योजनाएं
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में 543 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण जारी है, जिनमें से 372 केंद्र पूर्ण हो चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर गोवंश सुरक्षा के लिए रेडियम बेल्ट और सीसीटीवी निगरानी की योजना भी लागू की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा सेक्सड सीमेन तकनीक को बढ़ावा देते हुए 700 रूपए कीमत वाले सीमेन डोज को 100 रूपए में उपलब्ध कराया गया है। और 8000 युवाओं को पैरावेट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट्स स्थापित की गई हैं, जो टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करने पर पशुचिकित्सा और टीकाकरण की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि की योजनाएं
धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जनवरी 2025 में प्रदेश के दुग्ध संघों का औसत दुग्ध उपार्जन 6.28 लाख किलोग्राम प्रतिदिन था, जबकि पीसीडीएफ के डेयरी प्लांट्स में 9 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का प्रसंस्करण किया गया। भविष्य में इस प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अंतर्गत कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज में डेयरी प्लांट्स को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
नंदबाबा दुग्ध मिशन और ग्राम पंचायतों को सहकारी समितियों से जोड़ने की योजना
प्रदेश सरकार द्वारा नंदबाबा दुग्ध मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को सहकारी दुग्ध समितियों से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इस मिशन के तहत 2023-24 में 1046 दुग्ध समितियों का गठन किया गया, जबकि 2024-25 में 600 नई समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गाय और गोपालन को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है, ताकि बच्चों में गोवंश और उसके दूध के महत्व की समझ विकसित हो सके।
दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए निरंतर प्रगति
मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार गो संरक्षण एवं दुग्ध विकास के क्षेत्र में सतत प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किसानों और दुग्ध उत्पादकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
इस बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से यह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार पशुपालन और दुग्ध विकास के क्षेत्र में व्यापक सुधार और विकास के लिए कृतसंकल्प है, जो किसानों और दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा।