Heart Health: आपकी ये आदतें बढ़ा सकती हैं हार्ट अटैक का खतरा, सेहतमंद दिल के लिए रखें इन बातों का ध्यान
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दुनियाभर में हृदय रोग मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक रहे हैं। आंकड़ों की मानें, तो हर साल हार्ट अटैक की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाती है। कुछ दशकों पहले तक हृदय की समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के रूप में देखा जाता था। हालांकि अब तो कम उम्र के लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। वहीं हृदय की समस्याएं किन वजहों से होती है, इस पर नजर डालें तो पता चलता है कि लोगों की अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे व्यायाम की कमी, दिनभर बैठे रहना, धूम्रपान की आदत और डाइट पर ध्यान न देना हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
दरअसल, जिन लोगों को शुगर, ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल लेवल अक्सर बढ़ा रहता है। इनमें हार्ट अटैक का जोखिम भी अधिक रहता है। लेकिन इसको लेकर व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं कि वह क्या कारण हैं, जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं और इसको लेकर सावधानी भी बरतनी चाहिए।
हार्ट अटैक
बता दें कि दिल का दौरा तब पड़ता है, जब हृदय में रक्त प्रवाह कम या फिर पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है। आमतौर पर यह रुकावट हृदय की धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों में जमाव के कारण होती है और इस जमाव को प्लाक भी कहा जाता है।
अगर आपको सीने में दर्द, जकड़न या दबाव महसूस हो रहा हो। साथ ही यह दर्द पीठ, कंधे, हाथ, गर्दन और जबड़े तक फैल जाए, तो यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के अलावा थकान या बेहोशी, उल्टी आना, ठंडा पसीना आना या सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो आपको विशेष सावधान हो जाना चाहिए।
नींद तो नहीं है समस्या
कई बार नींद न आने पर या नींद पूरी न होने की स्थिति शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक माना जाता है। लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है। आमतौर पर जो लोग रात मैं 6 घंटे से कम की नींद लेते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने की आशंका अधिक रहती है, जोकि 6-8 घंटे की नींद लेते हैं।
दरअसल, अनिद्रा या स्लीप एप्निया जैसी नींद संबंधी बीमारी शरीर में सूजन और रक्तचाप की समस्या बढ़ाने लगती हैं। वहीं इससे हार्मोन संतुलन बिगड़ने का भी खतरा रहता है। यह सभी बीमारियां दिल पर दबाव डालकर हार्ट अटैक को ट्रिगर करने वाली हो सकती है।
ठंड के मौसम में बरते सावधानी
ठंड का मौसम आपके हृदय स्वास्थ्य पर भी सीधा असर डालता है। इस मौसम में हृदय रोग के शिकार लोगों के लिए कई तरह की दिक्कतें बढ़ाने वाला हो सकता है। सर्दी की वजह से धमनियां संकरी हो सकती है। जिसकी वजह से दिल तक ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है। इसके अलावा सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। वहीं प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। इसलिए ठंड से बचाव करते रहना सभी के लिए आवश्यक है।
तीव्र स्तर के व्यायाम
माना जाता है नियमित व्यायाम करने की आदत आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। हालांकि फिट रहने के लिए बहुत तीव्रता वाले व्यायाम करना या फिर क्षमता से अधिक वजन उठाना खतरनाक माना जाता है।
बता दें कि आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 6% हार्ट अटैक के मामले अधिक शारीरिक मेहनत के कारण होते हैं। यही वजह है कि सभी लोगों को अपनी क्षमता और सहनशक्ति के मुताबिक ही व्यायाम करना चाहिए। इसलिए आप हल्के एरोबिक अभ्यास जैसे रनिंग और वॉकिंग भी आपके हार्ट को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं।