उन्नाव डीएसएन कॉलेज में शिक्षकों का हंगामा: समर्थ पोर्टल पर डेटा खारिज होने से नाराज़ शिक्षकों ने कार्यवाहक प्राचार्य को घेरा, की उच्च स्तरीय जांच की मांग

शिक्षकों का कहना है कि समर्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने की अंतिम तारीख 31 मई थी, लेकिन जानबूझकर 30 मई को ही डाटा खारिज कर दिया गया। प्रदर्शन के दौरान क्षेत्रीय शिक्षक संघ के प्रो. विनय यादव और डॉ. विपिन सिंह ने प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई।
शपथ पत्र बना विवाद की जड़
प्राचार्य डॉ. गुप्ता का कहना है कि जिन 21 शिक्षकों ने शपथ पत्र जमा किया, उनका सत्यापन हो चुका है। शेष शिक्षकों का डाटा इसी कारण रोका गया है। उनका कहना है कि अगर शासन से स्पष्ट निर्देश आते हैं कि शपथ पत्र जरूरी नहीं, तो डाटा सत्यापन की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी जाएगी। फिलहाल सत्यापन की अंतिम तारीख 15 जून तय है।
शिक्षकों ने कहा- दो हफ्ते की मेहनत बेकार
प्रदर्शन कर रहे शिक्षक डॉ. विपिन सिंह ने कहा, “डाटा फीडिंग में दो हफ्ते की मेहनत लगती है, जिसे एकतरफा फैसले से खारिज कर दिया गया।” डॉ. रचना त्रिवेदी और डॉ. विनय कुमार ने भी आरोप लगाए कि मूल प्रमाण पत्र और शपथ पत्र देने के बावजूद जानबूझकर डाटा खारिज किया गया।
3 जून को डाटा स्क्रीनशॉट के साथ दस्तावेज तैयार करेंगे शिक्षक
शिक्षक संघ ने सभी पीड़ित शिक्षकों से 3 जून को समर्थ एप का स्क्रीनशॉट लेकर एक संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर करने की अपील की है, ताकि इस पूरे मामले को प्रमुख सचिव, कुलाधिपति और निदेशक (उच्च शिक्षा) तक पहुंचाया जा सके। साथ ही उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
क्या है समर्थ एप?
समर्थ एप उच्च शिक्षा में डिजिटलीकरण के लिए एकीकृत मंच है। इस पर शिक्षक विवरण, परीक्षा, नामांकन और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े कार्य पारदर्शी तरीके से पूरे किए जाते हैं। इसी एप पर डाटा अपलोड की प्रक्रिया को लेकर यह विवाद सामने आया है।