11 अगस्त 2024 पंचांग से जानिए आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल समय और तुलसीदास जयंती का पूजा मुहूर्त :-
11 अगस्त 2024 पंचांग :- अनुसार 11 अगस्त को श्रावण शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। चलिए जानते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय।
11 अगस्त 2024 को तुलसीदास जयंती मनाई जाएगी। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे हैं। जिस वजह से इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ गया है। बता दें इस दिन सुबह 05:48 से 05:49 तक द्विपुष्कर योग और रवि योग रहेगा। ये दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हैं। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त 11:54 Am से 12:47 PM तक रहेगा। चलिए जानते हैं आज का पूरा पंचांग और तुलसीदास जयंती का मुहूर्त।
तुलसीदास जयंती 2024 मुहूर्त (Tulsidas Jayanti 2024 Muhurt)
तुलसीदास जयंती का मुहूर्त 11 अगस्त की सुबह 05:44 से 12 अगस्त की सुबह 07:55 बजे तक रहेगा।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang)
संवत — पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह – श्रावण, शुक्ल पक्ष
तिथि – – सप्तमी
व्रत व पर्व – श्रावण सप्तमी व्रत
दिवस – रविवार
सूर्योदय – 05:45 Am
सूर्यास्त – 07:07 Pm
नक्षत्र – चित्रा 06 Am तक फिर स्वाती
चन्द्र राशि – तुला, स्वामीग्रह – शुक्र
सूर्य राशि – कर्क, स्वामी – चन्द्रमा
करण – गरज 06:52 Pm तक फिर वणिज
योग :- शुभ 04 Pm तक फिर शुक्ल
शुभ मुहूर्त
अभिजीत – 11:54 Am से 12:47 PM
विजय मुहूर्त – 02:28 Pm से 03:25 Pm तक
गोधुली मुहूर्त – – 06:29 Pm से 07:26 Pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त – 4:07 Am से 05:09 Am तक
अमृत काल – 06:08 Am से 07:55 Am तक
निशीथ काल मुहूर्त – रात्रि 11:53 से 12:43 तक रात
संध्या पूजन – – 06:22 PM से 07:21 Pm तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
सायंकाल 04:30 बजे से 06 बजे तक
क्या करें – क्या ना करें :- शिव उपासना के साथ भगवान सूर्य की उपासना करें। मंगल व सूर्य दोष का उपाय करें। श्रावण माह सप्तमी का व्रत करें। आचरण पर ध्यान दें। रामकथा श्रवण करें। आज कुशोदक व मधु से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा आज बहुत पवित्र तिथि है। सप्तश्लोकी दुर्गा का 09 बार पाठ करें। शिवलिंग की उपासना करें।दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें। अन्न व फलों का दान करे। शिव मंदिर परिसर में बेल व पीपल का पेड़ लगाएं। आज दही से रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। घी से रुद्राभिषेक करने से धन, सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में तीर्थ करें। पार्थिव का शिवलिंग बनाकर पूजन करें। सूर्य पिता का कारक ग्रह है।पिता की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।