महाकुंभ-2025: स्वच्छता-सुरक्षा और आधुनिक तकनीकी से सुसज्जित तैयारियां: यूनेस्को जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने की सराहना: एके शर्मा
रिपोर्ट: आनंद प्रकाश शुक्ला
लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने महाकुंभ-2025 की तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार के कुम्भ मेला क्षेत्र में व्यापक तैयारियां की गई हैं, जिसमें स्वच्छता, सफाई, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं के लिए आधुनिक तकनीकी, मशीन और मैनपावर का सहयोग लिया जा रहा है। एके शर्मा ने बताया कि अब तक संगम में 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया है, और 26 फरवरी तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम में आने की संभावना है। सरकार इस बड़ी संख्या के लिए हर संभव व्यवस्था कर रही है।
महाकुंभ: भारत की प्राचीन संस्कृति और डिजिटल इंडिया का अद्भुत संगम
अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि महाकुंभ एक ऐसा पर्व है जो सभी मानव समुदायों को एक धागे में बांधता है। यह न केवल भारत की प्राचीन संस्कृति, विरासत और अध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया के सपने को भी साकार कर रहा है, क्योंकि यहां आधुनिक तकनीकी और डिजिटल व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस बार महाकुंभ में 144 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है। मेला क्षेत्र में 4000 हेक्टेयर में फैले इस आयोजन में जातपात और ऊंच-नीच का भेदभाव किए बिना सभी श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन कराया जा रहा है। मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को दूसरे शाही स्नान में करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति की संभावना है।
हर व्यवस्था में उच्चतम स्तर की सफाई और सुरक्षा
मेला क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ की निगरानी के लिए 2700 एआई पावर्ड कैमरे और ड्रोन माउंटेड कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा 50,000 से अधिक जीआईएस मैपिंग आधारित क्यूआर कोड, 250 वाटर एटीएम, 58,000 जलनल, और 1.5 लाख से अधिक शौचालयों की व्यवस्था की गई है। एके शर्मा ने कहा कि महाकुंभ भारत की पुरानी संस्कृति और आस्था का केंद्र है। यह एकता, भाईचारे और धार्मिक विविधता का प्रतीक बन गया है, जिसमें कोई भेदभाव नहीं होता और सभी श्रद्धालु आस्था के पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं।
विश्वभर में महाकुंभ की प्रशंसा
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि महाकुंभ के सफल आयोजन से पूरी दुनिया अचंभित है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, सुरक्षा व्यवस्थाओं और स्वच्छता के उच्चतम मानकों का प्रतीक बन चुका है, जिसकी यूनेस्को जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने भी सराहना की है।