हर्षोल्लास से मनाया गया तुलसी पूजन का महापर्व: तुलसीपीठाधीश्वर श्रीश्री तुलसीजी महाराज

लखनऊ। 25 दिसंबर को देश-विदेश में तुलसी पूजन का महापर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सनातन धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि तुलसी को एक पवित्र और दिव्य पौधा माना जाता है। हमारे धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि तुलसी के पत्तों में समस्त देवताओं का वास होता है और यह किसी भी धार्मिक कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शुभ दिन केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को प्रकट करता है, जिसमें देवताओं की उपासना के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण का भी सम्मान किया जाता है।

तुलसी पूजन का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी 25 दिसंबर क्रिसमस के दिन तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे यानी तुलसी माता का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि यदि भक्त प्रतिदिन माता तुलसी में जल अर्पित कर पूजा पाठ करे तो उसके घर में सुख-समृध्दि बनी रहती है। तुलसी का ना सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक और पारिवारिक प्रभाव भी पड़ता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है। यदि पूरे दिल से माता तुलसी पूजन किया जाए तो माता लक्ष्मी अपनी कृपा उस पर बरसाती हैं।

हिंदू धर्म में माता तुलसी को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसकी पूजा से माता लक्ष्मी और श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है। इस कारण से कोई भी पूजा या धार्मिक कार्य तुलसी पूजन के बिना अधूरे माने जाते हैं। तुलसी का घर में लगा होना भी बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो लोग माता तुलसी की प्रतिदिन पूजा करते हैं, जल चढ़ाते हैं वो मृत्यु के बाद स्वर्ग को जाते हैं।

वहीं इस शुभ दिन पर राजधानी लखनऊ में भव्य पूजन कार्यक्रम में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में विशेष रूप से लखनऊ से राजा बाजपेई, उपमा पांडेय , यशमणि पांडेय, अवनीश मिश्रा, अशोक यादव, हर्ष अग्रवाल , शालिनी आर्या, अभिषेक त्रिपाठी, डॉ. वरुण अग्रवाल, पृथ्वीराज सिंह, पार्षद अनुराग मिश्रा “अन्नू”, डॉ.उमंग खन्ना , जितेंद्र शर्मा, ऊषा अग्रवाल आदि अन्य भक्त शामिल हुए। इस अवसर पर संत और कथा वाचक तुलसीपीठाधीश्वर श्री श्री तुलसी जी महाराज द्वारा तुलसी के महात्म्य पर चर्चा की गई, और श्रद्धालुओं ने मां तुलसी का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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