गरीब ई-रिक्शा चालकों की रोज़ी-रोटी पर संकट, जब्ती की कार्यवाही पर लगे रोक – अब्दुल हफीज गांधी

- अपंजीकृत ई-रिक्शा की जब्ती पर तत्काल रोक लगे
- चालकों को 1-2 वर्ष की समयावधि दी जाए ताकि वे पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर सकें
- एक विशेष योजना के तहत पहले से चल रहे ई-रिक्शा को ही पंजीकृत करने की सुविधा दी जाए
- आर्थिक रूप से कमजोर चालकों के लिए सब्सिडी एवं आसान ऋण योजना लागू की जाए
कासगंज। प्रशासन द्वारा लगातार अपंजीकृत ई-रिक्शा जब्त किए जाने की कार्यवाही के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हफीज गांधी ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कासगंज अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि “ई-रिक्शा गरीब वर्ग के लोगों के लिए रोज़गार का साधन है। प्रशासन द्वारा इन गरीब चालकों का ई-रिक्शा जब्त किया जाना अमानवीय और अन्यायपूर्ण है। ये लोग पहले से ही 70-80 हजार रुपये की किश्तों में रिक्शा चला रहे हैं। अब अचानक रिक्शा जब्त कर लेने से वे न तो किश्तें चुका पाएंगे और न ही अपने परिवार का पेट भर पाएंगे। यह सरकार का गरीब विरोधी फैसला है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि “सरकार को चाहिए कि इन चालकों को एक निश्चित समयावधि देकर ई-रिक्शा पंजीकरण का मौका दे। इसके साथ ही एक विशेष पंजीकरण योजना और आसान किस्तों में सब्सिडी योजना शुरू की जाए, जिससे गरीब चालक कानूनी रूप से पंजीकृत होकर आत्मनिर्भर बन सकें।”
उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि गरीब परिवारों की आजीविका से खिलवाड़ न किया जाए और इस मुद्दे पर संवेदनशील निर्णय लेते हुए तुरंत कार्यवाही रोकी जाए। ज्ञापन देने वालों में मोहम्मद कासिम, योगेंद्र सिंह और मोहम्मद्दीन उपस्थित रहे।
अमित प्रताप सिंह ब्यूरो कासगंज की रिपोर्ट