सहारनपुर में पिछले एक साल में 565 लोगों ने तंबाकू की लत छोड़ दी: डॉ. मिगलानी का कहना है कि तंबाकू सेवन से जीवन अवधि कम हो जाती है और यह 20 साल तक घट सकती है।

टीबी सैनिटोरियम में बने तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में प्रतिदिन 30 से अधिक लोग तंबाकू छुड़वाने के लिए पहुंच रहे हैं। साइकोलॉजिस्ट बुशरा अंसारी की देखरेख में यहां न सिर्फ काउंसिलिंग की जाती है, बल्कि जरूरतमंदों को दवाएं भी दी जाती हैं। ये राहत की बात है कि बीते एक साल में 565 लोगों ने काउंसिलिंग के बाद तंबाकू सेवन को पूरी तरह छोड़ दिया।
बुशरा अंसारी बताती हैं कि प्रकोष्ठ में आने वाले अधिकतर मरीज तंबाकू से जुड़ी समस्याओं जैसे सांस की दिक्कत, मुंह में जलन, और पेट की बीमारियों से परेशान होते हैं। सही काउंसिलिंग और मेडिकल सहायता से तंबाकू से छुटकारा संभव है। तंबाकू को त्याग कर एक स्वस्थ और लंबी जिंदगी जीना हर किसी के हाथ में है।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.संजीव मिगलानी के अनुसार, तंबाकू सेवन वैश्विक समस्या बन चुकी है। विश्वभर में एक अरब 30 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। भारत में यह आंकड़ा 25.3 करोड़ से ऊपर है। तंबाकू से हर साल देश में लगभग 10 लाख लोगों की मौत होती है। धूम्रपान करने वालों में से एक चौथाई लोगों की मृत्यु का कारण तंबाकू ही होता है।
उन्होंने बताया कि तंबाकू में पाया जाने वाला मुख्य हानिकारक तत्व निकोटीन है, जो शरीर में डोपामीन, ग्लूटामेट, और सीरोटोनीन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव बढ़ा देता है। इससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होता है।
तंबाकू खाने से होती है ये बीमारियां
- फेफड़ों और दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर।
- स्ट्रोक और फेफड़ों का कैंसर।
- ब्लैडर कैंसर, खाने की नली का कैंसर।
- एसीडिटी में वृद्धि।
- गर्भवती महिलाओं में वजन कम होना और भ्रूण की मृत्यु।
फैक्ट फाइल
- 5393 मरीजों की जांच एक साल में हुई
- 1581 मरीजों में टीबी के लक्षण मिले
- 13 मरीजों में मुंह के कैंसर के लक्षण
- 565 लोगों ने तंबाकू सेवन छोड़ा
- 206 लोगों पर तंबाकू खाने पर जुर्माना
- 231 स्कूलों में तंबाकू विरोधी जागरूकता कार्यक्रम
- 203 स्कूलों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया