प्रयागराज में चढ़ता तापमान बना बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा: डिहाइड्रेशन से बचने को लेकर डॉक्टर ने दी अहम सलाह 

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प्रयागराज में इन दिनों तापमान लगातार 43 डिग्री सेल्सियस के पार जा रहा है। भीषण गर्मी और बढ़ती उमस ने लोगों का जनजीवन प्रभावित कर दिया है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इस बदलते मौसम के सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं।

 

धूप में बाहर निकलने वाले लोगों को गर्मी से होने वाली बीमारियों जैसे डिहाइड्रेशन, लू, थकावट, चक्कर आना और भूख न लगना जैसी समस्याएं अब आम हो चुकी हैं।

इस स्थिति में प्रयागराज के कैंटोनमेंट बोर्ड अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीयूष शुक्ला ने बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी सुझाव दिए हैं।

डॉ. शुक्ला के अनुसार, “गर्मी का असर बच्चों और बुजुर्गों के शरीर पर जल्दी होता है क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होने लगती है, जिससे हालत गंभीर हो सकती है।”

बचाव के लिए उन्होंने दिए ये सुझाव:

  • बच्चों और बुजुर्गों को दिनभर खूब पानी पिलाएं, चाहें उन्हें प्यास न लगी हो।
  • नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और ओआरएस का सेवन लाभकारी है।
  • सुबह 10 बजे के बाद और दोपहर 3 बजे तक धूप में न निकलने दें।
  • घर के भीतर ठंडक बनाए रखने के लिए खिड़कियों पर पर्दे और पंखे का सही इस्तेमाल करें।
  • ताजे फल जैसे तरबूज, खीरा, पपीता और मौसमी का सेवन ज़रूर कराएं।
  • बच्चों को बाहर खेलने न भेजें और बुजुर्गों को ठंडे वातावरण में ही रखें।

डॉ. शुक्ला ने आग्रह किया कि यदि कोई व्यक्ति अधिक थकावट, तेज बुखार, या पेशाब में कमी जैसी लक्षण महसूस करे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक गर्मी और उमस में और इज़ाफा हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहना और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना बेहद ज़रूरी है।

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