भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में INCP की शंकाओं का किया समाधान

भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाई गई शंकाओं का स्पष्ट जवाब दिया। आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और घटाने, साथ ही मतदान प्रतिशत के संबंध में अपनी निर्धारित प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन किया।
निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी और नियम आधारित
भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और नियम आधारित बताते हुए सभी आरोपों और शंकाओं का समाधान किया। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान प्रतिशत में जो अंतर शाम 5 बजे तक जारी आंकड़ों और अंतिम आंकड़ों में दिखाई देता है, वह पूरी तरह स्वाभाविक है। मतदान समाप्त होने के बाद मतदान केंद्रों से आंकड़ों का संग्रह और सत्यापन रात 11:45 बजे तक जारी रहता है।
पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया
भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि मतदान का अंतिम और वैध रिकॉर्ड फॉर्म 17सी में दर्ज किया जाता है, जिसे मतदान केंद्र बंद होते ही उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों को सौंप दिया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित होती है, जिसमें किसी भी प्रकार की हेरफेर असंभव है।
मतदाता सूची का अद्यतन
आयोग ने मतदाता सूची के अद्यतन को भी एक पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण प्रक्रिया बताया, जिसमें नाम जोड़ने और घटाने की प्रक्रिया सख्त नियमों के तहत होती है। राजनीतिक दलों और जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, जिससे गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।
आयोग द्वारा जारी
भारत निर्वाचन आयोग ने इस विषय पर एक विस्तृत प्रश्नोत्तर (FAQs) भी जारी किया है, जिसमें मतदाता सूची और मतदान प्रतिशत से जुड़ी हर शंका का समाधान किया गया है। आयोग ने कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और जांच-पड़ताल के लिए पर्याप्त तंत्र मौजूद हैं।
रोल टू पोल प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की भूमिका
आयोग ने रोल टू पोल प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी पर भी जोर दिया है। आयोग ने करीब 60 उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, जहां राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों—मतदाता सूची के अद्यतन से लेकर मतदान और मतगणना तक—में शामिल किया गया है।
आयोग का विश्वास
भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि विस्तृत जानकारी और प्रक्रियाओं के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी को किसी भी प्रकार की शंका नहीं रहनी चाहिए। आयोग की वेबसाइट www.eci.gov.in पर मतदान प्रतिशत पर FAQs उपलब्ध हैं, जो और अधिक जानकारी प्रदान करते हैं।