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ग्रामीणों के सहयोग से वॉटरशेड यात्रा का भव्य शुभारम्भ: सीईओ और ग्राम प्रधानों ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को किया रवाना

लखनऊ। जल की महत्ता और भूमि संरक्षण के बारे में समुदाय में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता लाने के लिए बुधवार को देश भर में वॉटर शेड यात्रा का शुभारम्भ किया गया। इसी क्रम में भूमि संरक्षण इकाई, कृषि विभाग लखनऊ के तत्वावधान में स्टेट लेवल नोडल एजेंसी वॉटरशेड विकास घटक- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. हीरा लाल ने ग्रामीणों व ग्राम प्रधानों के सहयोग से प्रदेश स्तर पर सरोजनी नगर ब्लाक के भटगांव से हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा का शुभारम्भ किया।

इस मौके पर डॉ. हीरा लाल ने कहा कि हम सभी के जीवन के लिए जल, जंगल और जमीन की महत्ता सर्वविदित है। इसलिए उनका संरक्षण हमारा परम कर्तव्य है। इसी के प्रति जन जागरुकता लाने के लिए आज यह वॉटरशेड यात्रा यहां से रवाना की जा रही है जो कि परियोजना के 34 जिलों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा के माध्यम से जन-जन में यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि भूमि और जल संरक्षण से जहां हर खेत में हरियाली आएगी वहीं इससे हर घर में खुशहाली भी आएगी।

तालाब निर्माण के लिए भूमि का किया पूजन

इस मौके पर डॉ. हीरा लाल ने ग्राम पंचायत भटगांव में तालाब निर्माण के लिए भूमि का पूजन किया। उन्होंने इसके साथ ही ग्राम पंचायत में एक नवनिर्मित तालाब का लोकार्पण भी किया। तालाब के किनारे आम के पौधे लगाये गये और ग्रामीणों को संदेश दिया गया कि आज पौधे रोपेंगे और उचित देखभाल करेंगे तो वह हमारे भविष्य को सुरक्षित बनाएंगे।

नुक्कड़ नाटक के जरिए किया जागरूक

इस मौके पर एकदम सामाजिक सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों ने मेरे देश की धरती सोना उगले गीत पर उपस्थित लोगों में जोश का संचार किया । कलाकारों ने नाटक के माध्यम से संदेश दिया कि जल ही जीवन गीत है, जल ही जीवन मीत है।

किसानों को किया सम्मानित

इस मौके पर डॉ. हीरा लाल ने ग्राम प्रधानों के साथ जल और भूमि संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाले किसानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और पौधा देकर सम्मानित किया ।

जल संरक्षण की दिलाई शपथ

इस मौके पर ग्रामीणों अधिकारियों व कर्मचारियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गयी। सभी ने शपथ ली कि जल-जंगल-जमीन को संरक्षित करेंगे। वाटरशेड के विकास कार्यों में सहयोग करेंगे। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वृक्षारोपण व मेड़बंदी करेंगे और सिंचाई की उन्नत विधियों के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगे।

कार्यक्रम में परियोजना के तकनीकी समन्वयक डॉ. जेएम त्रिपाठी, विषय विशेषज्ञ आरएस वर्मा, भूमि संरक्षण अधिकारी संगीता कटियार और अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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